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भारत में ब्याज दरों में कटौती: आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम

2/7/20251 min read

500 Indian rupee banknote
500 Indian rupee banknote

1.

ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव

हाल ही में, भारत के केंद्रीय बैंक ने लगभग पांच वर्षों में पहली बार बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती की है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। धीमी वृद्धि की समस्या को देखते हुए, यह एक आवश्यक कदम था। बैंक ने बेंचमार्क दर को कम करके उधार लेने की लागत को घटाने का निर्णय लिया, जो व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय उपलब्धता को सुगम बनाता है।

2.

इक्विटी बाजार पर प्रभाव

हालांकि, इस निर्णय के बाद भी भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता देखी गई। 7 फरवरी को, सेंसेक्स और निफ्टी ने 0.7% की गिरावट दर्ज की, जिसमें सेंसेक्स दिन के उच्चतम स्तर से 850 अंक गिर गया। आरबीआई द्वारा की गई यह कटौती खुद को आर्थिक रुझानों के विपरीत साबित कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि निवेशकों ने इस कटौती को अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर जैसे GDP वृद्धि अनुमान के सापेक्ष देखा है।

3.

भविष्य की संभावनाएँ

भारत में व्यावसायिक गतिविधियों को गति देने के लिए यह आवश्यक है कि वित्तीय नीतियों में अनुकूलन किया जाए। ब्याज दरों में यह कटौती निवेशकों के लिए बेहतर अवसर प्रदान कर सकती है, जिससे वे अधिक उद्यम में प्रवेश कर सकें। इसके साथ ही, यह उपभोक्ता खर्च को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि उधारी की लागत कम हो जाती है। हालांकि, मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखकर यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह कटौती दीर्घकालिक आर्थिक नीति का हिस्सा हो।

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