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आरबीआई की 25 बीपीएस कटौती: मासिक होम लोन EMI और अवधि में कमी का प्रभाव

2/8/20251 min read

A pile of money sitting on top of a table
A pile of money sitting on top of a table

1.

आरबीआई की नई नीति का परिचय

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 8 फरवरी को अपनी बेंचमार्क ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने का निर्णय लिया। इस निर्णय का उद्देश्य वित्तीय बाजार में तरलता को बढ़ाना और विकास को प्रोत्साहित करना है। इस कटौती का सीधा प्रभाव व्यक्तियों और व्यवसायों पर पड़ता है, विशेषकर उन लोगों पर जो होम लोन का भुगतान कर रहे हैं।

2.

होम लोन की EMI और अवधि में कमी का अर्थ

जब भी आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करता है, इसका सीधा असर बढ़ती EMI पर पड़ता है। 25 बीपीएस की कटौती के कारण, मासिक लोन किश्त की राशि कम हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 30 लाख का होम लोन लिया है, जिसके लिए 8% की ब्याज दर है, तो EMI में यह कटौती प्रतिवर्ष लगभग 700-1000 रुपये की कमी ला सकती है।

3.

विशेषज्ञों की राय और भविष्य का दृष्टिकोण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कटौती न केवल गृहणियों को राहत प्रदान करेगी, बल्कि यह आम लोगों में खरीदारी की शक्ति को भी बढ़ाएगी। इससे न केवल व्यक्तिगत स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन होगा, बल्कि यह अर्थव्यवस्था के विकास को भी प्रेरित करेगा। प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ, विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी अपनी ब्याज दरें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक हालात उत्पन्न होंगे।

अंत में, यह कटौती भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ऋण के बोझ को कम करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। समय के साथ, इसमें शामिल विभिन्न कारक और आर्थिक हलचलों के विषय में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। इस दिशा में आगे बढ़ना न केवल आर्थिक स्थिरता की दिशा में मदद करेगा, बल्कि साथ ही भविष्य की वित्तीय योजनाओं में भी सहारा देगा।

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